वैसे आपको बता दें अप्रैल फूल से एक मशहूर किस्सा जुड़ा है। 1 अप्रैल 1860 की बात है जब लंदन के हजारों लोगों के घरों में पोस्ट कार्ड भेजकर यह सूचना दी गई कि आज शाम को टॉवर ऑफ लंदन में सफेद गधों को स्नान कराया जाएगा। सभी लोग इस इवेंट को देखने के लिए आ सकते हैं और देखने के लिए कार्ड जरुरी है। उन दिनों किन्हीं कारणों की वजह से टॉवर ऑफ लंदन के लिए बंद था लेकिन शाम होते ही टॉवर के बाहर हजारों लोगों की भीड़ लग गई। लोगों अंदर जाने के लिए धक्का- मुक्की तक करने लगे। लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें किसी ने अप्रैल फूल बनाया है।
अप्रैल को मुर्ख दिवस क्यों कहते है?
पप्पू: हिंदुस्तान की सबसे समझदार जनता, पूरे साल गधों की तरह कमा कर 31st मार्च को अपना सारा पैसा टैक्स में सरकार को दे देती है और 1st अप्रैल से फिर से गधों की तरह सरकार के लिए पैसा कमाना शुरू कर देती है। इसलिए 1st अप्रैल को मुर्ख दिवस कहते हैं। संता 1st अप्रैल के दिन बस में चढ़ा, कंडक्टर ने टिकट माँगा, तो 10 रुपये देकर टिकट ले लिया!
फिर हँसते हुए बोला- अप्रैल फूल, मेरे पास तो बस का पास है।
Please कोई अप्रैल फूल बनाने की न सोचे मैं शादी शुदा हूँ ।
शादीशुदा आदमी को अप्रेल फूल न बनाएं! उसके ससुराल वालों ने पहले ही बना दिया है।
एक ही इंसान आज तक मुझे अप्रैल फूल बना पाया है। मेरा ससुर।
रजनीकांत के कैलेंडर मे 31 मार्च के बाद सीधे 2 अप्रैल की डेट आती है। क्योंकि कोई भी उसे अप्रैल फूल नहीं बना सकता।