थॉमस अल्वा एडिसन Primary School में पढ़ते थे। एक दिन घर आये और अपनी मां को एक कागज देकर कहा – “यह Teacher ने दिया है”, कागज पढ़ कर मां की आंखों में आंसू आ गए। Edison ने अपनी माँ से पूछा – “इसमें क्या लिखा है माँ ? ” आंसू पोंछकर मां ने कहा – “इसमें लिखा है कि आपका बेटा बहुत होशियार (Genius) है, हमारा School low level का है, और Teacher भी बहुत Trained नहीं है, इसलिए हम इसे नहीं पढा सकते। इसे अब आप स्वयं शिक्षा दें।” कई वर्षों बाद मां गुजर गई, तब तक Edison famous Scientist (प्रसिद्ध वैज्ञानिक) बन चुके थे और उन्होंने फोनोग्राफ और इलेक्ट्रिक बल्ब Electric Bulb जैसे कई महान अविष्कार कर लिए थे।
बताया जाता है कि एडिसन (Thomas Alva Edison) को अपने काम से इतना लगाव हो गया था कि वे अधिकांशतः अपना समय प्रयोगशाला में ही बिताते थे। और इसका परिणाम ये निकला कि बल्ब के साथ-साथ एडिसन ने और भी सैकड़ों अविष्कार (Invention) इस दुनिया को गिफ्ट किये।
अगर विफलता की बात करें तो थॉमस अल्वा एडिसन का नाम सबसे पहले आता है| लाइट बल्व बनाने से पहले उसने लगभग 1000 विफल प्रयोग किए थे |
अल्बेर्ट आइनस्टाइन जो 4 साल की उम्र तक कुछ बोल नहीं पता था और 7 साल की उम्र तक निरक्षर था | लोग उसको दिमागी रूप से कमजोर मानते थे लेकिन अपनी थ्ओरी और सिद्धांतों के बल पर वो दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट बना |
अब ज़रा सोचो कि अगर हेनरी फ़ोर्ड पाँच बिज़नेस में फेल होने के बाद निराश होकर बैठ जाता, या एडिसन 999 असफल प्रयोग के बाद उम्मीद छोड़ देता और आईन्टाइन भी खुद को दिमागी कमजोर मान के बैठ जाता तो क्या होता?
हम बहुत सारी महान प्रतिभाओं और अविष्कारों से अंजान रह जाते |
तो मित्रों, असफलता सफलता से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है…..
असफलता ही इंसान को सफलता का मार्ग दिखाती है। किसी महापुरुष ने बात कही है कि –
अब ज़रा सोचो कि अगर हेनरी फ़ोर्ड पाँच बिज़नेस में फेल होने के बाद निराश होकर बैठ जाता, या एडिसन 999 असफल प्रयोग के बाद उम्मीद छोड़ देता और आईन्टाइन भी खुद को दिमागी कमजोर मान के बैठ जाता तो क्या होता?
हम बहुत सारी महान प्रतिभाओं और अविष्कारों से अंजान रह जाते |
तो मित्रों, असफलता सफलता से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है…..
असफलता ही इंसान को सफलता का मार्ग दिखाती है। किसी महापुरुष ने बात कही है कि –